हलक्या प्रतीचे | जगणे भोगणे |
ऐकणे पाहणे | हलकेचि ||
ऐसे काही लोक | जगात सतत |
बेसावध क्षणी | भेटताति ||
मतलब मात्र | फक्त जाणताति |
खोटी-नाटी नाती | जगताति ||
आधार म्हणोन | काय शोधतात |
काय अन मनात | धरतात ||
आत रंग एक | बाह्य रंग खोटा |
गरळ, छेडता | ओकताति ||
दुःखाचे कांगावे | दुखरे सांगावे |
कसे पाठवावे | कळते त्या ||
स्वतः मात्र दिन | हीन दुसरेच |
मांडती असेच | असत्या ते ||
काय करताति | काय मिळवाया |
सर्व जातो वाया | यांचा वेळ ||
आसपास माजे | कृतघ्नांचे कूळ |
उपटून मूळ | नाशवावे ||
नको नको देवा | कृतघ्न नकोत |
कृतघ्नांचे गोत | नष्ट व्हावे ||
सावध राहावे | जगावे जागून |
कृतघ्न मागून | सुरा मारी ||
असे कोणी कोणा | न भेटावे कधी |
असली ही व्याधी | नुपजावी ||
थांबोत यातना | जन्म शुभ व्हावा |
अशुभ न यावा | कोणी मार्गी ||
No comments:
Post a Comment